नेपाल-लुम्बिनी में ग्रामीणों ने किया प्रदशर्न पुलिस के साथ झड़प
नेपाल-लुम्बिनी में ग्रामीणों ने किया प्रदशर्न पुलिस के साथ झड़प
सोनौली।महराजगंज
सोमवार की दोपहर विभिन्न मांगों को लेकर लुंबिनी विकास निधि के कार्यालय पहुंचे स्थानीय लोगों और पुलिस के बीच झड़प हो गई । पुलिस ने प्रदर्शन कर रही स्थानीय महिलाओं पर बल प्रयोग किया तो ग्रामीण उग्र हो गए और लुम्बिनी विकास कार्यालय पर प्रदर्शन करने लगे। इस दौरान पुलिस को बल प्रयोग कर प्रदर्शनकारियों को हटाना पड़ा। प्रदर्शनकारी महिलाओं के घायल होने के बाद आक्रोशित स्थानीय लोगों ने पथराव भी किया। स्थानीय लोगों का आरोप है कि जब स्थानीय लोग लुंबिनी बचाओ महाभियान और लुंबिनी विकास निधि के बीच 12 सूत्री समझौते को लागू नहीं करने की बात कहते हुए निधि के केंद्रीय कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे तो पुलिस ने बल प्रयोग किया। मायादेवी मंदिर के अंदर पारंपरिक पूजा करने की अनुमति देने, अदालत के आदेश के खिलाफ लगाए गए प्रवेश शुल्क को समाप्त करने, खुदाई के दौरान मिली मूर्तियों और कीमती धातुओं की खोज करने जैसी मांगों को लेकर स्थानीय लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। और लुंबिनी में उन्हें बहाल करते हुए पुलिस ने स्थानीय लोगों पर लाठी-डंडे बरसाए और मारपीट कर कार्यालय को अपने कब्जे में ले लिया।
लुंबिनी बचाओ महाभियान के संयोजक अकरमुद्दीन खान ने पुलिस पर कार्यालय घेरने आई महिलाओं पर अत्याचार करने का आरोप लगाया। कहा कि "समझौतों को लागू क्यों नहीं किया गया, यह कहते हुए कार्यालय को घेरने आए स्थानीय लोगों पर पुलिस ने हमला कर दिया और इस दौरान पथराव की स्थिति उत्पन्न हुई। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि लुंबिनी विकास निधि ने समझौते को लागू नहीं किया तो वे जोरदार आंदोलन करेंगे. उनका आरोप है कि मायादेवी मंदिर में पूजा की परंपरा पर प्रतिबंध लगाकर लुंबिनी विकास कोष में जमीन दान करने वालों का अपमान करते हुए कर्मचारियों की भर्ती की गई थी। उन्होंने मांग की कि मायादेवी मंदिर में प्रवेश के लिए लगने वाले टिकट शुल्क को खत्म किया जाए।
जिला पुलिस कार्यालय रूपनदेही के पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) सूरज कार्की ने कहा कि पुलिस ने केवल स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की, कोई बल प्रयोग नहीं किया। कार्यालय के अंदर भीड़ को नियंत्रित करने के लिए ही सभी को बाहर निकाला गया था।
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