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संस्कृति एवं संस्कार बचाने की बात करने वाले आधुनिकता की आंधी में ना जाने कहां खो गए- - एम डी .मोईन ज़िला अध्यक्ष महराजगंज

 एम डी .मोईन ज़िला अध्यक्ष विश्व मानवाधिकार परिषद महराजगंज


महराजगंज/फिल्मी व टीवी चैनलों पर अश्लीलता को परोसा जा रहा है, बच्चों के साथ-साथ बड़ों पर भी इसका गलत प्रभाव पड़ रहा है।कुछ धारावाहिक व फिल्में तो ऐसी हैं जिनको परिवार के साथ बैठकर देखा तक नहीं जा सकता,आधुनिकता के नाम पर रिश्ते-रिवाजों,शादी-संस्कारों को दफन किया जा रहा है।लेकिन समझ में नहीं आ रहा है कि हमारा समाज इन पर ध्यान क्यों नहीं दे रहा है! 
सरकार के साथ-साथ हमारी जनता भी सो रही है तभी तो ऐसे अश्लील कार्यकर्मों का प्रसारण किया जा रहा है इसे क्या कहेंगे कि जो हमें परोसा जा रहा है उसे ही हम ग्रहण कर रहे हैं ?
अच्छे बुरे का कोई भेद नहीं रह गया है संस्कृति एवं संस्कार बचाने की बात करने वाले ना जाने कहां आधुनिकता की आंधी में कहीं खो गए हैं?कुछ संगठन खड़े होकर विरोध भी करते हैं तो उन्हें तालिबानी सोच से जोड़ दिया जाता है।हम जितने आगे बढ़ रहे हैं  नैतिकता एवं आदर्शों के मामले में उतने ही पीछे होते जा रहे हैं।
फिल्मों व टीवी कार्यक्रमों में अश्लीलता ,फूहड़ता ,नग्नता, चरित्र हीनता का खुला प्रदर्शन हो रहा है।घर में एक साथ बैठकर छोटे-बड़े कोई भी कार्यक्रम नहीं देख सकते जो देखते हैं उन्हें बेशर्म बन कर देखना पड़ता है।या फिर उन्हें देखते देखते इन सब की आदत सी पड़ गई है कॉमेडी सर्कस जैसे कार्यक्रमों ने तो हद ही कर रखी है लेकिन कोई भी आवाज नहीं उठाता।हमारी भावी पीढ़ी पर इसका कितना कुप्रभाव पड़ रहा है इसका अंदाजा हमें अभी नहीं हो रहा है।
लेकिन आने वाला समय उनके लिहाज से बेहतर नहीं कहा जा सकता,ऐसे गलत कार्यक्रमों का परिणाम धीरे-धीरे सामने आता रहा है बड़ों का मान सम्मान छोटों के प्रति स्नेह और प्यार एक दूसरे के प्रति मान सम्मान खोता हुआ नजर आ रहा है।

एम डी .मोईन ज़िला अध्यक्ष विश्व मानवाधिकार परिषद महराजगंज
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