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जनपद महराजगंज के प्राइवेट शिक्षण संस्थानों की तानाशाही,प्रशासन मौन

महराजगंज

शासन ने कोरोना वायरस के संक्रमण से विद्यार्थियों ,कर्मियो, व शिक्षकों को बचाने के लिए सरकारी व निजी शिक्षण संस्थानों को 02 अप्रैल तक बंद रखने का निर्देश दिया है।

बता दें जहा पर पूरे देश मे कोरोना वायरस को लेकर हाहाकार मचा है और सरकार का स्पष्ट आदेश है सरकारी व गैर सरकारी संस्थानों को बंद करने का  लेकिन महाराजगंज के कुछ क्षेत्रो में  मनबढ़ और स्वार्थी स्कूल संचालक सरकार के आदेश को दरकिनार कर शिक्षकों की जिंदगी को खतरे में डालकर लगातार शिक्षकों को सैलरी काटने के नाम पर दबाव बनाकर उनसे प्रचार प्रसार व अन्य कार्यो को करवा रहे है प्रतिदिन स्कूल बुलाते है और जबरदस्ती काम कराते है जिससे शिक्षकों में भारी आक्रोश व डर व्याप्त है ।

सूत्रों के मुताबिक आज भी फरेन्दा ,बृजमनगंज ,कोल्हूई , नौतनवा व सोनौली क्षेत्रो में ऐसे बहुत से शिक्षण संस्थान ऐसे है जो सरकार के निर्देशों के विपरीत जाकर जबरिया विद्यालय संचालन कर रहे है और कुछ विद्यालयों में सिर्फ शिक्षक कर्मचारी और गैर शिक्षक कर्मचारियों को प्रतिदिन बुलाकर कार्य लिया जा रहा है विद्यालय संचालको को न शासन का डर है ना ही प्रशासन का।

बड़ा सवाल यह है कि क्या प्राइवेट स्कूल के शिक्षक का कोई अधिकार नही , उनकी जिंदगी का कोई मोल नही जो स्कूल प्रबंधको द्वारा उनका शोषण
किया जा रहा है क्या यह जायज है, जो आदेश सरकार द्वारा पारित हुआ है क्या उनके अंतर्गत  प्राइवेट शिक्षक नही आते ।

अब देखने की बात ये है कि प्रशासन इस विषय पर कितना गंभीर होती है और  तानाशाही कर रहे  संस्थानो पर क्या कार्यवाही करती है !
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